वैश्विक हरित ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने में चीन महत्वपूर्ण शक्ति बन गया है- विशेषज्ञ
वैश्विक ऊर्जा इंटरकनेक्शन विकास सहयोग संगठन (जीईआईडीसीओ) की सातवीं वर्षगांठ संगोष्ठी 29 मार्च को पेइचिंग में आयोजित हुई। इसमें उपस्थित घरेलू और विदेशी विशेषज्ञों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से, चीन ने अपनी संचित तकनीक और अनुभव को विभिन्न देशों के साथ साझा किया है। चीन वैश्विक हरित विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और वैश्विक हरित ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गया है।
बता दें कि जीईआईडीसीओ चीन द्वारा शुरू और स्थापित ऊर्जा क्षेत्र में पहला अंतरराष्ट्रीय संगठन है। अब तक, 141 देशों और क्षेत्रों को आवरण करते हुए संगठन के सदस्यों की कुल संख्या 1,302 तक पहुंच गई है, जिसने संयुक्त परामर्श, सह-निर्माण और साझा करने का एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग नेटवर्क बनाया है।
जीईआईडीसीओ महासचिव वू श्वेन ने कहा कि वर्तमान में, चीन अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने और हरित व निम्न-कार्बन विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण शक्ति बन गया है। यह संगठन सक्रिय रूप से सहयोग मंच का निर्माण करेगा और इंजीनियरिंग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना जारी रखेगा।
उनके मुताबिक, अब चीन और पड़ोसी देशों तथा "बेल्ट एंड रोड" से जुड़े देशों पर ध्यान केंद्रित हुए स्वच्छ ऊर्जा और बिजली इंटरकनेक्शन परियोजनाओं को मजबूती से बढ़ावा दिया जा रहा है। चीन-दक्षिण कोरिया, चीन-म्यांमार-बांग्लादेश, और इथियोपिया-खाड़ी देशों जैसी कई अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग परियोजनाओं ने संबंधित देशों से समर्थन प्राप्त किया है और सकारात्मक प्रगति की है।
संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि वर्तमान में, दुनिया ऊर्जा की कमी और जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। अक्षय ऊर्जा विकास और बिजली के बुनियादी ढांचे का निर्माण हरित और सतत विकास प्राप्त करने के लिए प्रमुख समाधान हैं।
जीईआईडीसीओ संयुक्त अरब अमीरात समिति के अध्यक्ष, डेजर्ट सोलर इनिशिएटिव के अध्यक्ष पॉल वैन सोन के विचार में दोनों पक्ष वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा विकास और बिजली बाजार निर्माण जैसे विभिन्न पहलुओं में सहयोग को और मजबूत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने नवीकरणीय ऊर्जा विकास, ग्रिड इंटरकनेक्शन, ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में उपयोगी परिणाम प्राप्त किए हैं। साथ ही, बिजली क्षेत्र के अलावा, हाल के वर्षों में हाइड्रोजन ऊर्जा उद्योग पर भी अधिक से अधिक ध्यान दिया गया है। वे अगले कुछ वर्षों में उपर्युक्त क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने की भी उम्मीद करते हैं।